नई दिल्ली, 6 मई 2025: राहुल गांधी और चीफ जस्टिस की PM मोदी से मुलाकात: देश की राजधानी में आज एक अहम मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
इस उच्चस्तरीय बैठक का मुख्य एजेंडा CBI के नए निदेशक की नियुक्ति बताया गया है। दूसरी ओर, गृह मंत्रालय ने एक बड़ा निर्देश जारी करते हुए 7 मई को पूरे देश में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है, जिसके तहत स्कूली बच्चों और वॉलंटियर्स को आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
CBI निदेशक की नियुक्ति के लिए अहम बैठक
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह बैठक CBI के नए निदेशक की नियुक्ति के लिए आयोजित की गई। इस प्रक्रिया में तीन वोट अहम हैं: प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और विपक्ष के नेता का।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि बैठक में इस नियुक्ति पर गहन चर्चा हुई। हालांकि, अनौपचारिक तौर पर अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। इस मुलाकात को देश की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
7 मई को देशभर में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 7 मई को देशभर में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस अभ्यास के तहत हवाई हमले की चेतावनी देने वाला सायरन बजाया जाएगा।
इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपात स्थिति, जैसे हवाई हमले या बिजली कटौती, से निपटने के लिए तैयार करना है। मंत्रालय ने स्कूलों, अस्पतालों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को इस दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं।
मॉक ड्रिल के मुख्य बिंदु:
- हवाई हमले की स्थिति में ट्रेनिंग: नागरिकों को बताया जाएगा कि हमले के दौरान कैसे सुरक्षित रहना है, बुजुर्गों और पशुओं को कैसे संभालना है।
- स्कूली बच्चों और वॉलंटियर्स की तैयारी: स्कूलों में बच्चों को सेल्फ डिफेंस और आपात स्थिति से निपटने की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी।
- महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा: RBI, अदालतों, अस्पतालों और स्कूलों जैसे संस्थानों को आपातकाल के लिए तैयार किया जाएगा। अस्पतालों में मरीजों की देखभाल और नए मरीजों के लिए व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नागरिकों के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश:
- 7 मई को मॉक ड्रिल के दौरान सभी नागरिक बिजली बंद करने और सायरन सुनते ही सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी करें।
- आपात स्थिति में बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को प्राथमिकता दें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें।
पंजाब में ब्लैकआउट की प्रैक्टिस
गृह मंत्रालय के निर्देशों से पहले, पंजाब के फिरोजपुर में 5 मई की रात ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया। इस दौरान पूरी तरह से लाइट बंद कर दी गईं और स्थानीय लोगों को पहले से सूचित किया गया था।
इस प्रैक्टिस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें अंधेरे में डूबा शहर साफ दिखाई दे रहा है। यह अभ्यास 7 मई की मॉक ड्रिल की तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है।
तनावपूर्ण माहौल और सरकार की तैयारी
हाल के दिनों में सीमा पर बढ़ते तनाव और आतंकी घटनाओं के बाद सरकार की यह तैयारी बेहद अहम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉक ड्रिल युद्ध या किसी बड़ी आपात स्थिति की स्थिति में देश को तैयार करने का हिस्सा हो सकता है।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास सभी राज्यों में अनिवार्य है, क्योंकि आधुनिक युद्ध में मिसाइल हमले जैसे खतरे पूरे देश को प्रभावित कर सकते हैं।
विपक्ष और सरकार का एकजुट होना जरूरी
इस नाजुक समय में विपक्ष के नेताओं ने सरकार के साथ खड़े होने की मिसाल पेश की है। राहुल गांधी और चीफ जस्टिस की PM से मुलाकात को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
हालांकि, कुछ नेताओं की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों पर सवाल भी उठ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना की एक वीडियो रील, जिसमें वे सुरक्षाकर्मियों के साथ बर्फ में अटखेलियां करते दिख रहे हैं, ने विवाद खड़ा कर दिया है। यह रील ऐसे समय में सामने आई है, जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है।
राहुल गांधी और चीफ जस्टिस की PM मोदी से मुलाकात
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों की तैनाती पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का गुस्सा इस बात पर है कि जहां 2000 पर्यटकों के लिए एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था, वहीं रविंद्र रैना 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ रील बना रहे थे।
इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर विपक्ष ने बीजेपी से माफी की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब देश शोक में डूबा है, ऐसे में इस तरह की हरकतें असंवेदनशीलता की मिसाल हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया पर सतर्कता की जरूरत
इस संवेदनशील समय में सरकार ने मीडिया और नागरिकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। खासकर बॉर्डर स्टेट्स जैसे पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात में सेना की गतिविधियों की कोई भी तस्वीर, वीडियो या रील सोशल मीडिया पर शेयर न करने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान भारतीय सोशल मीडिया पर नजर रख रहा है और ऐसी जानकारी का इस्तेमाल दुश्मन देश के खिलाफ हो सकता है।
नागरिकों से एकजुटता की अपील
इस नाजुक वक्त में सरकार ने सभी नागरिकों से एकजुट होने की अपील की है। यह समय क्रेडिट लेने या राजनीति करने का नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और एकता के लिए एक साथ खड़े होने का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ नेतृत्व शैली और जोखिम उठाने की क्षमता को देखते हुए देशवासियों को उम्मीद है कि सरकार इस स्थिति से मजबूती से निपटेगी।
नोट: गृह मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि 7 मई की मॉक ड्रिल के दौरान सभी निर्देशों का पालन करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक सूत्रों पर भरोसा करें।