न्यूज पोस्ट: CAASTSA Waiver: Path Cleared For S400 Deal
देश युद्ध की कगार पर खड़ा है। पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में 13 भारतीय नागरिकों की जान चली गई और 59 लोग घायल हो गए। विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। कुछ भारतीय सैनिकों के शहीद होने की भी खबर है। सीमावर्ती इलाकों, खासकर अमृतसर और राजस्थान में तनाव चरम पर है। रात भर अलर्ट जारी रहा और विस्फोटों की खबरों ने माहौल को और गंभीर कर दिया।
भारत ने अब तक अपनी रणनीति स्पष्ट रखी है – केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, न कि पाकिस्तानी सेना, प्रतिष्ठान या आम नागरिक। यह भारत की नैतिक और सामरिक श्रेष्ठता को दर्शाता है। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है। ओसामा बिन लादेन का वहीं मिलना और पाकिस्तानी विदेश मंत्री का अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंक को पनाह देने की बात कबूलना इसकी पुष्टि करता है। भारत के विदेश मंत्री लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करते रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समीकरण और युद्ध का प्रभाव
इस युद्ध में वैश्विक शक्तियों का रुख अहम होगा। अमेरिका, जो कारगिल युद्ध में भारत के पक्ष में था, अब ट्रंप या एलन मस्क जैसे बिजनेस-केंद्रित नेतृत्व के अधीन है। अमेरिका की प्राथमिकता हथियारों की बिक्री बढ़ाना है, जिसमें पाकिस्तान बड़ा खरीदार हो सकता है। हालांकि, भारत ने व्यापारिक टैरिफ हटाकर और रूस से मजबूत रिश्तों के दम पर अमेरिका को अपने पक्ष में झुकाने की कोशिश की है। रूस भारत का पुराना और भरोसेमंद दोस्त है, जो इस संकट में भी साथ देगा।
चीन की विस्तारवादी नीति भारत के लिए चुनौती है। वह पाकिस्तान का इस्तेमाल भारत को कमजोर करने के लिए करता है। पाकिस्तान की बर्बाद अर्थव्यवस्था, कट्टरपंथ और गोबर भक्ति ने उसे और कमजोर किया है। भारत की ताकत उसकी तकनीक, मिसाइल शक्ति और सेना की इच्छाशक्ति में है। गगन भेदी मिसाइलों और लक्ष्यभेदी तकनीक ने भारत को दुनिया में अग्रणी बनाया है।
पाकिस्तान की दुर्दशा और भारत की ताकत
पाकिस्तान की हालत कट्टरपंथ और अज्ञानता की वजह से खराब है। वहां गोबर भक्ति और कट्टरपंथ ने शिक्षा, तकनीक और विकास को पीछे धकेल दिया। इसके उलट, भारत की सेना दुनिया में अपनी शक्ति और शांति मिशनों के लिए जानी जाती है। भारत आतंकवाद का शिकार रहा है, लेकिन उसने कभी नैतिकता नहीं छोड़ी। दुनिया भारत को बुद्ध की शांति और सामरिक शक्ति के अद्भुत संगम के रूप में देखती है।
आंतरिक चुनौतियां और सावधानी की जरूरत
दुखद है कि इस संकट में भी कुछ कट्टरपंथी और गोबर भक्त युद्ध को चुनावी हथियार बना रहे हैं। बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे पोस्टर लगाना निंदनीय है। यह युद्ध देश की सेना और सरकार लड़ रही है, न कि कोई पार्टी। ऐसे लोग देश को बांटने और कमजोर करने का काम करते हैं। जातिवाद, सांप्रदायिकता और मनुवाद फैलाने वाले भी उतने ही खतरनाक हैं, जितना बाहरी दुश्मन।
निष्कर्ष
भारत की सेना इस युद्ध में पाकिस्तान को करारा जवाब देगी। लेकिन देश को मजबूत रखने के लिए जरूरी है कि हम कट्टरपंथ, जातिवाद और गोबर भक्ति से दूर रहें। ज्ञान, विज्ञान और तकनीक ही हमें दुनिया में अग्रणी बनाएंगे। सीमावर्ती इलाकों में तनाव है, लेकिन भारत का पक्ष मजबूत है। दुनिया जानती है कि आतंक का पर्याय पाकिस्तान है, जबकि भारत शांति और शक्ति का प्रतीक है।
आप क्या सोचते हैं? इस संकट में देश को एकजुट रहने के लिए क्या करना चाहिए? अपनी राय साझा करें।