The truth behind Rahul Gandhi's claims of voter list fraud
“राहुल गांधी के वोटर लिस्ट धांधली के दावों का सच: क्या है हकीकत?”
राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया, दावा करते हुए कि एक छोटे से मकान में 80 वोटर दर्ज हैं, जिससे बीजेपी को फायदा हो रहा है। यह मुद्दा अब चर्चा का केंद्र बन चुका है।
“80 वोटर एक कमरे में? इंडिया टुडे की पड़ताल”
इंडिया टुडे ने राहुल गांधी के दावे की जांच के लिए बेंगलुरु के हाउस नंबर 35, मुनी रेड्डी गार्डन का दौरा किया। वहां एक छोटा सा कमरा मिला, जहां मुश्किल से दो लोग रह सकते हैं, लेकिन वोटर लिस्ट में 80 लोगों का पता दर्ज है। किरायेदार दीपांकर ने बताया कि वह हाल ही में वहां आए हैं और मकान मालिक जयराम रेड्डी से संपर्क करने को कहा। जयराम ने फोन पर बताया कि वह किसी पार्टी से नहीं जुड़े। उनके मुताबिक, पुराने किरायेदारों ने वोटर कार्ड बनवाए, लेकिन कई अब वहां नहीं रहते, फिर भी उनके नाम लिस्ट में बने हुए हैं।
“आदित्य श्रीवास्तव का मामला: चार राज्यों में एक नाम” The truth behind Rahul Gandhi’s claims of voter list fraud
राहुल गांधी ने आदित्य श्रीवास्तव का उदाहरण दिया, जिनका नाम महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बेंगलुरु अर्बन की वोटर लिस्ट में दर्ज है। इंडिया टीवी से बातचीत में आदित्य ने बताया कि उन्होंने लखनऊ से मुंबई और फिर बेंगलुरु में अपना वोटर आईडी ट्रांसफर करवाया था। उनका कहना था कि पुराने रिकॉर्ड अपने आप हट जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कभी डुप्लीकेट वोटर आईडी के लिए आवेदन नहीं किया और न ही एक से अधिक जगह वोट डाला।
“कांग्रेस सड़कों पर: ‘रास्ता रोको’ अभियान”
राहुल गांधी का कहना है कि ये गड़बड़ियां बड़े पैमाने पर धांधली का सबूत हैं। उन्होंने मांग की है कि चुनाव आयोग पूरे देश की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी रिकॉर्ड सार्वजनिक करे, ताकि वे साबित कर सकें कि कर्नाटक ही नहीं, पूरे देश में सीटें चोरी हुई हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट, जो 25 सीटों की मामूली बढ़त से जीती गई, पर भी धांधली हो सकती है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मुंबई में “रास्ता रोको” अभियान शुरू किया, जिसके तहत कार्यकर्ता लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
“चुनाव आयोग पर सवाल: राहुल का दावा कितना सही?”
राहुल गांधी ने कहा कि वह इस मामले को पीछे नहीं छोड़ेंगे और दोषियों को सजा दिलवाएंगे। उनका दावा है कि अगर डिजिटल रिकॉर्ड मिल जाएं, तो वे साबित कर देंगे कि धांधली पूरे देश में हुई है। यह मुद्दा गंभीर है और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहा है।