Pahalgam terrorist attack: नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025 – जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले पुलवामा, फिर पहलगाम के बैसरन में हमला, और उसके बाद लगातार दो दिनों तक आतंकी घटनाएं—23 और 24 अप्रैल को हुए हमलों ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इन हमलों ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और विपक्षी नेताओं से लेकर आम जनता तक गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं और अमित शाह के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है।
बैसरन हमले और लगातार आतंकी वारदातें
पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला दिया। इस हमले में कई पर्यटकों और स्थानीय लोगों की जान गई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसके अगले ही दिन, 23 अप्रैल को एक और हमला हुआ, और फिर 24 अप्रैल को तीसरा हमला। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। रक्षा विशेषज्ञ आलोक शुक्ला ने करण थापर के एक इंटरव्यू में कहा, “सरकार बार-बार दावा करती है कि आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई है, लेकिन ये हमले उस दावे को झूठा साबित करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से “सब ठीक है” का गलत संदेश देने से सेना में ओवर-कॉन्फिडेंस आता है, जिसका फायदा आतंकी उठाते हैं।
अमित शाह और मोदी पर क्यों उठ रहे सवाल? Pahalgam terrorist attack
जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसका मतलब है कि यहां की हर गतिविधि सीधे गृह मंत्रालय के अधीन है। ऐसे में, बैसरन हमले और उसके बाद की घटनाओं की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आती है। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं, “अगर एक पत्ता भी अमित शाह की मर्जी के बिना नहीं हिल सकता, तो इतने बड़े हमले कैसे हो रहे हैं?” एक X यूजर ने लिखा, “अमित शाह और मोदी जी की नाकामी की वजह से आतंकियों का हौसला बढ़ रहा है। उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।”
वरिष्ठ पत्रकार करण थापर के इंटरव्यू में रिटायर्ड रॉ चीफ दुलत ने एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा, “आतंकी हमारी सरकार से ज्यादा स्मार्ट हैं।” हालांकि, कई लोग इससे सहमत नहीं हैं। एक रक्षा विशेषज्ञ ने कहा, “आतंकी स्मार्ट हो सकते हैं, लेकिन अगर सरकार सेना को फ्री हैंड दे, तो वे किसी भी चुनौती से निपट सकते हैं।” सुब्रमण्यम स्वामी ने भी आरोप लगाया कि चीन ने 4500 किमी भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया, लेकिन सरकार ने सेना को कार्रवाई की इजाजत नहीं दी।
क्या सरकार की नीतियां दे रही हैं आतंकियों को हौसला?
सोशल मीडिया पर एक बड़ा सवाल उठ रहा है—क्या सरकार की कमजोर नीतियां आतंकियों को हौसला दे रही हैं? पाकिस्तान की ओर से धमकियां आ रही हैं कि अगर भारत ने कोई एक्शन लिया, तो जंग छिड़ सकती है। लेकिन कई लोगों का मानना है कि पाकिस्तान की यह हिम्मत इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि उसे पता है कि मोदी सरकार सेना को खुली छूट नहीं देगी। एक X यूजर ने लिखा, “मोदी जी और अमित शाह फौज को फ्री हैंड नहीं दे रहे। यही वजह है कि आतंकी बेखौफ हमले कर रहे हैं।”
सरकार से क्या मांग रहे लोग?
लोगों की मांग साफ है—अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए। इसके अलावा, कई ठोस सुझाव भी सामने आ रहे हैं:
- क्रिकेट बॉयकॉट: भारत को उन क्रिकेट टूर्नामेंट्स में हिस्सा नहीं लेना चाहिए, जिनमें पाकिस्तान की टीम हो। यह कदम सरकार आसानी से उठा सकती है।
- चीन और पाकिस्तान से बिजनेस पर रोक: भारतीय कंपनियों को चीनी और पाकिस्तानी फर्मों से व्यापार बंद करना चाहिए।
- सेना को फ्री हैंड: सेना को पूरी आजादी और संसाधन दिए जाएं, ताकि वे आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट सकें।
मॉब लिंचिंग और आतंकवाद: एक ही सिक्के के दो पहलू?
आतंकवाद के साथ-साथ मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी चर्चा में हैं। बैसरन हमले में सैयद आदिल हुसैन नाम के एक शख्स ने आतंकी से गन छीनने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। लोग पूछ रहे हैं, “आतंकी और मॉब लिंचिंग करने वाले में क्या फर्क है? दोनों कमजोर पर हमला करते हैं।” धर्म, जाति, या क्षेत्र के नाम पर होने वाली हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर गुस्सा साफ दिख रहा है।
आगे क्या?
आतंकवाद और सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार की चुप्पी और नाकामी ने जनता का गुस्सा बढ़ा दिया है। लोग चाहते हैं कि सरकार ठोस कदम उठाए, न कि सिर्फ बयानबाजी करे। क्या अमित शाह इस्तीफा देंगे? क्या सेना को फ्री हैंड मिलेगा? ये सवाल अभी अनुत्तरित हैं। लेकिन एक बात साफ है—जब तक सरकार जवाबदेही नहीं लेती, तब तक आतंकवाद की चुनौती से निपटना मुश्किल रहेगा।
Pahalgam terrorist attack “पहलगाम आतंकी हमले से हिला देश: क्या अमित शाह और मोदी सरकार की नाकामी है जिम्मेदार?”