Gautam Gambhir and Uma Bharti left BJP: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बहुत कुछ होना बाकी है एक जनसत्ता की खबर है जिसमें उद्धव ठाकरे और सुप्रिया सूले ने उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता हैं जो उद्धव गुट से है और सुप्रिया सूले जो एनसीपी की नेता है जो शरद पवार गुट से है
उसने खुला ऑफर दिया है नितिन गडकरी को कि आप हमारे साथ आइए और हमारे पार्टी के टिकट से चुनाव लडिये दरअसल पहली लिस्ट में नितिन गडकरी का नाम नहीं है लगातार खबरें आ रही थी कि नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है उनके कई सारे बयान को भी उनसे जोड़ा जाता रहा है
क्या नितिन गडकरी भी बीजेपी से बगावत करेंगे ?
दूसरी सबसे बड़ी कयास बाजी है कि क्या बीएसपी सुप्रीमो मायावती प्रधानमंत्री का चेहरा होंगी क्या सोनिया गांधी चाहती है दो तस्वीरें शेयर की जा रही है
वैसे ये तस्वीरें कर्नाटक की है 2019 से ठीक पहले जब कर्नाटक में बीएसपी और जेडीएस का गठबंधन था और सरकार बनी थी कांग्रेस के साथ समर्थन से जेडीएस कांग्रेस और बीएसपी के विधायक उसमें मंत्री भी बने थे उस समय की तस्वीरें शेयर की जा रही है
क्या इंतजार किया जा रहा है कि जैसे ही चुनाव की अधिसूचना जारी हो जैसे ही आचार संहिता लगे उसके बाद बड़ा खेल हो सकता है क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब में बीएसपी सुप्रीमो मायावती प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हो सकती हैं
इस सवाल को बल इसलिए भी मिलता है कि अखिलेश यादव ने 27 टिकट अपने घोषित करने के बाद ब्रेक कर रखा है अब वह आगे ऐलान नहीं कर रहे हैं 17 टिकट कांग्रेस के पाले में जिसकी बात हो रही है
तो फार्मूला क्या होगा 2024 चुनाव को लेकर ?
जहां बीजेपी अपना कुंडवा बढ़ा रही है कहा जा रहा है कि बीजेडी से भी गठबंधन हो सकता है जबकि बीजेपी का एक नेता खुद बीजेडी में शामिल हो गया टीडीपी से गठबंधन की बात लगभग दक्षिण में बीजेपी की तय हो चुकी है तो बीजेपी के गठबंधन करने से विपक्षी दल को भी लगता है कि जब बीजेपी जो सत्ता में है सबसे ज्यादा राज्यों में है वो गठबंधन पर ध्यान दे रही तो हमें भी देना चाहिए
और उसमें सबसे बड़ा गठबंधन है पत्रकार वेद क्या कहते हैं कि अगर बिहार और यूपी में बीएसपी सुप्रीमो मायावती मुकेश सहनी और चिराग पासवान इंडिया गठबंधन में आ जाते हैं तो बिहार यूपी में बीजेपी की मुश्किल बढ़ जाएगी झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेएमएम के लिए सिंपैथी की लहर चल रही है
वहां भी बीजेपी कमजोर हुई है तो बिहार यूपी और आपको बता दें कि झारखंड इन तीनों राज्यों को मिला दे तो सीटों का आंकड़ा जो है वह 80 सीटें यूपी में है 40 सीटें बिहार में है तो 40 और 80 120 सीटों का आकड़ा है
Gautam Gambhir and Uma Bharti left BJP
14 सीटें झारखंड में है 144 सीटों का आंकड़ा बैठता है बीजेपी लगातार कोशिश कर रही है कि बंगाल में उड़ीसा में उसकी पहुंच बढ़े केरल में तमिलनाडु में वहां से सीटें निकालने की कोशिश कर रही है क्योंकि उसको पता है कि इस बार उसका नुकसान हो रहा है
दिल्ली में आम आदमी पार्टी का गठबंधन है वहां सात सीटें थी वहां नुकसान हो सकता है राजस्थान में पूरा सीटें जीती थी क्या वो जीत पाएंगे हरियाणा में 10 सीटें जीती थी क्या वो जीत पाएंगे छत्तीसगढ़ में पूरी सीटें जीती थी क्या वो जीत पाएंगे मध्य प्रदेश में भी उन्होंने शानदार परफॉर्मेंस किया था
क्या वहां वो जीत पाएंगे यह सारे सवाल है कि 100% प्रेशर है दबाब है बीजेपी पर नए राज्यों में वो अपना मौका देख रहे हैं लेकिन अगर यूपी बिहार और झारखंड में उसको डेंट लगता है तो बड़ी मुश्किल होगी लेकिन सबसे बड़ा डेंट अगर बीजेपी को लगने की फायदा आपको पूरा टीवी अखबार बता रहा है
वो बात हो सकती है लेकिन मैं वो बता रहा हूं जहां बीजेपी को डेंट हो सकता है महाराष्ट्र में अगर जिस तरह से शिवसेना और एनसीपी शरद पवार गुट शिवसेना जो उद्धव गुट है और उसके बाद कांग्रेस और प्रकाश अंबेडकर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं
वामन मेश्राम ने भी इंडिया गठबंधन समर्थन का ऐलान किया है
तो वहां डेंट लग सकता है बिहार में डेंट लग सकता है ऐसे में महाराष्ट्र को लेकर नितिन गडकरी एक बड़े फैक्टर है
और इससे पहले भी गौतम गंभीर ने मना कर दिया था कि चुनाव नहीं लडूंगा उ भारती ने अभी चिट्ठी लिख दी कि मैं चुनाव नहीं लडूंगी उसके बाद जयन सिन्हा ने कहा मैं चुनाव नहीं लडूंगा पवन सिंह जो एक कलाकार है भोजपुरी को उन्होंने आसनसोल से मिला हुआ टिकट वापस कर दिया
उसके बाद यूपी से एक सीटिंग सांसद ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा और उसके बाद नितिन गडकरी अगर विपक्ष के खेमे में जाते हैं तो यह बीजेपी के लिए बड़ा डेफिसिट होगा बड़ा नुकसान हो सकता है
सबसे बड़ा फायदा इंडिया गठबंधन को कैसे हो सकता है?
अगर बीएसपी सुप्रीमो मायावती इंडिया गठबंधन में आती हैं और उनको प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट किया जाता है तो यह मास्टर स्ट्रोक हो सकता है क्योंकि इससे सीधा-सीधा कांग्रेस को फायदा तेलंगाना में हो सकता है कर्नाटक में हो सकता है मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ में तो होगा ही होगा तो फार्मूला यह बनाया जा सकता है कि अगर अखिलेश यादव जीत करते हैं कि हमें 60 सीटों पर या 50 सीटों पर चुनाव लड़ना है तो 30 सीटें बचती है कांग्रेस वहां पांच सीटों पर चुनाव लड़ सकती है
और अपने कोटे की सारी सीटें बीएसपी को दे दे तो 25 का मामला पहुंचता है 25 सीटें उसके बाद दो-दो सीटें गुजरात हो मध्य प्रदेश हो राजस्थान हो छत्तीसगढ़ तेलंगाना हो यह तमाम जो राज्य हैं वहां बीएसपी का अपना कैडर बेस वोट है हरियाणा में कैडर बेस वोट है
इस तरह से 10 सीटें और अगर और दूसरे राज्यों में एक-एक दो-दो सीटें अगर बीएसपी को दी जाती है तो वो आंकड़ा उनके हिसाब से 3530 सीटें पहुंच सकती है और उसके बाद बीएसपी को भी पता है कि बगैर गठबंधन चुनाव निकालना मुश्किल है तो इस तरह से बीएसपी के पास भी लगभग 40 सीटों का आंकड़ा पहुंच सकता है
यूपी बिहार में भी उनको एक दो सीटें दी जा सकती है मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ लेकिन अगर बीएसपी सुप्रीमो मायावती से गठबंधन होता है तो दो चीजें बड़ी बात होगी एक तो इस देश में पंजाब में देख लीजिए कि 40 पर के करीब दलित समाज का अपना वोट है और देश भर में 15 पर के आसपास उनका उनकी अपनी संख्या है
बीएसपी सुप्रीमो मायावती को आगे रखकर एक बड़ा मोरल चुनाव हो सकता है कि वो शेड्यूल कास्ट समाज से अब तक इस देश में कोई दलित प्रधानमंत्री नहीं बना है और उसमें भी दलित प्रधानमंत्री और महिला के तौर पर सोचिए आज महिला दिवस है विश्व महिला दिवस है
लगातार इस देश में सोशल जस्टिस इक्वलिटी फ्रेटरनिटी और संविधान बचाने के लिए अगर सबसे ज्यादा किसी समाज ने लड़ाई लड़ी है सैक्रिफाइस कर रहा है तो वह दलित समाज हैं और इस वजह से वह डिजर्व करते हैं कि इस बार जो अगला प्रधानमंत्री हो इस देश में व दलित समाज से हो और खासकर अगर दलित महिला हो तो यह शानदार बात हो होगी
बीएसपी सुप्रीमो मायावती को लॉ एंड ऑर्डर के लिए जाना जाता है
एक कुशल प्रशासक रही है मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने ऐतिहासिक काम किया है मायावती के विरोधी भी मानते हैं कि वो एक शानदार एडमिनिस्ट्रेटर हैं और सबसे बड़ी बात जिस तरह से उन्होंने यूपी में एक बार मुख्यमंत्री फुल फ्लेज रही वो चार बार मुख्यमंत्री बनी लेकिन 5 साल एक बार सरकार चलाया
उन्होंने तीनों काम किए उन्होंने यूपी को मॉडर्नाइज भी किया आधुनिकीकरण भी किया एक्सप्रेसवे पहला हिंदी पट्टी में पूर्वांचल में पहला एक्सप्रेसवे हिंदी पट्टी में एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र में था लेकिन यूपी में आ दिल्ली को आगरा से जोड़ा एक्सप्रेसवे का कांसेप्ट दिया फार्मूला वन बनाया
आप यूनिवर्सिटी की बात करें तो मायावती जी ने गौतम बुद्धा यूनिवर्सिटी हो या लखनऊ का मुख बधिर का यूनिवर्सिटी हो शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किए तो सरकारी स्कूल हो सरकारी अस्पताल हो सरकारी कॉलेजेस हो उसके बाद उन्होंने कॉर्पोरेट सेक्टर को भी ब ग्रेटर नोएडा नोएडा को बसाने का उनको क्रेडिट जाता है
महापुरुषों के सोशल जस्टिस की लड़ाई को भी उन्होंने आगे बढ़ाया
फूले पेरियार अंबेडकर के नाम से जिस तरह से पार्क बने तो ये तमाम चीजें जो है वह मायावती के पक्ष में जाते हुए दिख रहे हैं क्योंकि जैसे जैसे दलित पिछड़ आदिवासी अल्पसंख्यक किसान पढ़ते लिखते जा रहे उनको लग रहा है
कि मायावती जी एक बड़ी माइलस्टोन है तो 2024 में अगर इंडिया गठबंधन में वो आती हैं तो यह बड़ा मास्टर स्ट्रोक होगा और बीजेपी के पास शायद ही इसका कोई काट हो तो यह बड़ी खबर है अगर ऐसा होता है तो उसके कयास जो है अटकल बाजियां लगाई जा रही है लेकिन एक आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता लिख रहा है
सोशल मीडिया पर कि क्या तब तक चुनावों की तारीख घोषणा नहीं होगी जब तक अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार नहीं होंगे मैं फिर कह रहा हूं अभी बहुत खेल बचा हुआ है और अधिसूचना जारी होने के बाद आचार संहिता लागू होने के बाद गठबंधन की राजनीति और तेज होगी और कई सारे लोग आपको इधर-उधर जाते हुए दिखेंगे मान्यवर साहब ने कहा था कि मजबूत नहीं लोकतंत्र में मजबूर सरकार चुनिए मिली जली सरकार चुनिए उसमें समाज का देश का वहां के नागरिकों का ज्यादा भला होता है