arvind kejriwal news: चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को मोदी की ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद लोग कह रहे हैं कि पीएम मोदी तानाशाह हैं और तानाशाह चुनाव में अपनी हार के डर से घबरा गया है। इसलिए विपक्षी नेताओं को चुन चुनकर गिरफ्तार करवा रहा है लेकिन सवाल उठता है कि क्या वाकई अरविंद केजरीवाल निर्दोष हैं।
उन्हें चुनावी फायदे के लिए फंसाया जा रहा है अरविंद केजरीवाल को एक के बाद एक पूरे नौ समन भेजे गए थे लेकिन वो ईडी के सामने पेश ही नहीं हुए हर बार कोई ना कोई बहाना बनाते रहे लेकिन 10वीं समन में ईडीने अपनी शक्ति दिखाई और करीब 2 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही देश की सियासत गरमा गई है।
विपक्षी नेता इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं केजरीवाल ने गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली बल्कि कोर्ट ने उनसे पूछ लिया कि भाई आप ईडी के सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहे जिसके बाद उनके खिलाफ फिर कारवाई हुई और फिर क्या था।
arvind kejriwal news अब ऐसे पहले सीएम जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहते हुए गिरफ्तार हो गए
केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई और ईडी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया केजरीवाल अब ऐसे पहले सीएम बन गए हैं जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहते हुए गिरफ्तार हो गए हैं जो अरविंद केजरीवाल किसी जमाने में नेताओं पर सिर्फ आरोप लग जाने पर उनका इस्तीफा मांग लिया करते थे।
उनकी गिरफ्तारी के लिए अनशन पर बैठ जाते थे नेताओं की सांसद रद्द करने की मांग करते थे जन लोकपाल को प्रधानमंत्री से भी ज्यादा ताकतवर बनाने की मांग करते थे वही केजरीवाल अब कह रहे हैं कि देश की जांच एजेंसियां भ्रष्ट हैं और मोदी के इशारे पर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है लेकिन क्या वाकई ऐसा है।
या फिर सच में अरविंद केजरीवाल सरकार में शराब घोटाला हुआ हैआइए जानते हैं कि दिल्ली का शराब घोटाला आखिर है क्या दरअसल दिल्ली में नई शराब नीति बनाने के मामले में यह नाम आया कि इसमें सैकड़ों करोड़ का शराब घोटाला हुआ है।
arvind kejriwal news दिल्ली के डिप्टी सीएम को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है
यह आरोप उस पर लगा जांच एजेंसिया शराब घोटाले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष यशोधर संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के कविता को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
महीनों से दोनों यह लोग जेल में थे अबके कविता भी जेल में है और अदालत उन्हें जमानत तक नहीं दे रही अदालत कह रही है कि मामला गंभीर है इसका मतलब यही है कि मामला सीरियस है और आरोपभी बहुत संगीन है।
अब जांच की आजच अरविंद केजरीवाल तक भी जा पहुंची और वह गिरफ्तार हो गए मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि शराब घोटाले में 3338 करोड़ आम आदमी पार्टी तक पहुंचे यानी एक भारी भरकम राशि 3338 करोड़ आम आदमी पार्टी तक पहुंचाए गए यह मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोप है।
समीर महेंद्रू ने केजरीवाल से वर्चुअल मुलाकात की बात कबूली है
आरोपी समीर महेंद्रू ने केजरीवाल से वर्चुअल मुलाकात की बात कबूली है यह भी पता चला कि शराब नीति को लेकर अरविंद केजरीवाल के घर पर ही मीटिंग हुई थी जिसमें सब कुछ तय हुआ था सिसोदिया के सचिव सी अरविंद ने बताया कि केजरीवाल की मंजूरी से ही मार्जिन प्रॉफिट6 पर से 12 पर किया गया था।
शराब नीति को लेकर केजरीवाल के ही कैबिनेट बुलाया करते थे और वही इस तरह के फैसले लिए जाते थे आपको थोड़ा डिटेल में बताते हैं कि आखिर क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति दरअसल दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक नई शराब नीति लागू की थी जिसका उद्देश्य टैक्स बढ़ाने और शराब माफियाओं और नकली शराब पर अंकुश लगाना बताया गया था।
लेकिन इसके तहत सरकारी ठेके बंद कर दिए गए और एससी एसटी को जो सरकारी शराबों की दुकानों में आरक्षण मिलता था वह भी खत्म कर दिया गया और शराब का लाइसेंस निजी दुकानों को दे दिया गया यानी प्राइवेटाइज कर दी गईदुकानें इसके अलावा शराब की दुकानों को आधी रात के बाद खुलने और डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी गई सरकार ने इससे टैक्स में 27 फ की वृद्धि का दावा किया था।
डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को जिम्मेदार ठहराया
लेकिन यह विवाद कैसे शुरू हुआ था दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें शराब नीति में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी और डिप्टी सीएम मनीष सोदिया को जिम्मेदार ठहराया सवालों के घेरे में आने के बाद 31 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने इस शराब नीति को वापस ले लिया नीति में किनअनियमितताओं का आरोप लगा है।
नरेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सिसोदिया ने कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया सिसोदिया पर उप राज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोरोना महामारी का हवाला देकर 14 4.36 करोड़ की टेंडर लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप लगा था।
आरोपी विजय नायर को अपना बंदा बताया था
इसके अलावा बिना अनुमति के विदेशी बियर पर 50 प्रति बॉक्स का आयात शुल्क भी हटाया गया जिससे विदेशी बियर सस्ती हो गई और सरकारी खजाने को नुकसान हुआ केजरीवाल कैसे ईडी के रडार पर आ गए शराब घोटाले में मनीष यशोदे और संजय सिंह के गिरफ्तार होने के बाद केजरीवाल भी ईडीके रडार पर आ गए।
पिछले साल फरवरी में ईडी ने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा था कि केजरीवाल ने मुख्य आरोपियों में से एक समीर महिद्र के साथ वीडियो कॉ पर बात की थी इसमें उन्होंने आरोपी विजय नायर को अपना बंदा बताया था और उस पर भरोसा करने को कहा था बताया जाता है।
कि केजरीवाल फेस टाइम कॉल के जरिए इस पूरे मामले में बता रहे थे कि कौन क्या करेगा क्या रेट होगा सब कुछ ये तय किया गया था जिस नायर को कथित तौर पर केजरीवाल अपना बंदा बताते थे उसी नायर को पूरे शराब घोटाले का मास्टरमाइंड भी बताया जाता है लेकिन यही नायर अब सरकारी गवाह बन चुका है।
और जांचएजेंसियां उसके बयानों के आधार पर केस की जांच कर रही है लेकिन केजरीवाल जांच एजेंसियों से भागते रहे लेकिन आखिरकार अब उनकी गिरफ्तारी हो गई है उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है यहां बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि जो खेजरी वाल नेता बनने से पहले तमाम उन नेताओं और अफसरों का इस्तीफा मांगते थे।
डॉक अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञा दोहराने भर से अपने सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा ले लिया था
जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे वह खुद अपनी बारी आने पर इतने बहाने क्यों बनाते रहे अरविंद केजरीवाल ने बाबासाहेब डॉक अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञा दोहराने भर से अपने सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा ले लिया था क्योंकि वह दलित थे लेकिन मनीष सिसोदियाके जेल जाने पर भी उनका इस्तीफा नहीं लिया था।
और मंत्रियों से भी जो बाद में उनके जेल में गए उनसे भी बहुत बाद में इस्तीफा लेकर उनको मंत्री बनाया ऐसे में केजरीवाल की नियत पर सवाल उठना लाजमी है कहते हैं कि उनकी कथनी और करनी में फर्क है उन पर आरोप लगा केजरीवाल पर आरोप है कि 2010 में अन्ना आंदोलन के नाम पर मीडिया और आरएसएस की मदद से उन्होंने देश में कांग्रेस पार्टी की अगवाई में चल रही यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के नाम पर जबरदस्त माहौल बनाया था।
और उससे 2024 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता हासिल करने में बहुत मदद मिली थी कुछ लोगों का तो यहभी कहना है कि सब मिले हुए हैं जी और गंगाधरी शक्तिमान है और कुछ लोग तो जो केजरीवाल है।
उसको आरएसएस का छोटा रिचार्ज भी कहते हैं लेकिन केजरीवाल अब पक्के नेता बन चुके हैं अरविंद केजरीवाल एक जमाने में राजनीतिक पार्टी बनाने के भी खिलाफ थे लेकिन उन्होंने ना सिर्फ अपनी पार्टी बनाई बल्कि पार्टी के तमाम पुराने लोगों को निकाल दिया और खुद पार्टी के सुप्रीम लीडर बन बैठे और यह हम यह टोपी हम लोगों को आत्म विश्वास देती है।
हमें सम्मान देती है आम आदमी को सम्मान देती है इन्होंने आम आदमी को भेड़ बकरी बना केर छोड़ दिया था यह टोपी हम लोगों को सम्मान देती है तोमैं तो आज ये ऐलान करना चाहता हूं कि आज यह टोपी जो मैंने सर पर पहरी है।
जिंदगी भर ये टोपी पहन के रखूंगा और सबको टोपी पहनाने का काम करूंगा जो मिलेगा उसको मैं टोपी पहनाऊंगा जिन नेताओं को अरविंद केजरीवाल कभी कोसते नहीं थकते थे आज उन्हीं नेताओं के साथ मिलकर इंडिया अलायंस बना रहे लालू यादव मुलायम सिंह यादव ममता बनर्जी बहन कुमारी मायावती शरद पवार और राहुल गांधी जैसे नेताओं को जी भर के गरि आते थे।
केंद्र की सत्ता में हिस्सेदार बनने का सपना देख रहे हैं
लेकिन अब उनी के साथ केंद्र की सत्ता में हिस्सेदार बनने का सपना देख रहे हैं तो इस देश का भिखारी भी कम से कम महीने के टैक्स देता है और उस र में से लालू यादवकी तनखा निकलती है राबड़ी देवी की तनखा निकलती है उनकी लाल बत्ती की गाड़िया चलती है उनके एयर कंडीशनर चलते हैं वो भूल गए कि वो वाकई एक नौकर है।
वो अपने आप को राजा मान बैठे मुलायम सिंह जी ने संसद के अंदर कहा कि अरे ये इनका अन्ना हजारे का जनलोकपाल बिल आ गया तो एक दरोगा हमको आके जेल में डाल देगा तो साथियों दरोगा तो चोरों को जेल में डालता है तो चोर की दाढ़ी में कहीं तिनका तो नहीं है।
उन्होंने यह कहा कि हम सारे सांसदों को दरोगा के जेल में डाल देगा तो क्या व यह कह रहे कि सारे सांसद चोर है अगर उन्होंने ईमानदारी से अपनी जिंदगीव्यतीत की है तो उनको दरोगा से डर क्यों लग हम लोगों को तो दरोगा से डर नहीं लगता य सारे दरोगा य सिपाही खड़े हमें तो डर नहीं लगता हम तो खड़े इनके पास लेकिन मुलायम सिंह जी को डर लगता है उनको य डर लगता है कि लोकपाल दिला गया तो य सारे उनको पकड़ के जेल में डाल देंगे।
राहुल गांधी कहते हैं कि लोकपाल को हम संवैधानिक दर्जा देंगे
बड़ी बड़ी जार तर बोल रहे संवैधानिक दर्जे का क्या मतलब है बेवकूफ बना रहे संवैधानिक दर्जे का कोई मतलब मैंने कानून पढ़ा है जनलोकपाल बिल हम सब लोगों ने मिलक ड्राफ्ट किया है संवैधानिक द का कोई मतलब नहीं है अरविंदकेजरीवाल के खिलाफ जांच एजेंसियों के पास सबूत होने का दावा किया जा रहा है।
इस मामले में ईडी के पास गवाह भी हैं ऐसे में मुमकिन है कि केजरीवाल लंबे वक्त के लिए जेल में ही रहे हां उनकी गिरफ्तारी की टाइमिंग पर भी जरूर सवाल उठेंगे क्योंकि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और चुनाव के वक्त किसी पार्टी के सबसे बड़े नेता को जेल में डाल देने का सीधा सा मतलब यही है।
कि उन्हें चुनाव में दमदार से लड़ने से रोका जाना चाहिए आप उनको रोकना चाहते हैं झारखंड के मुख्यमंत्री जो हेमंत सौरें उनको ब ईडी ने गिरफ्तार कर लिया तेजस्वी यादव पर भी छापे पड़ रहे हैंराहुल गांधी पर या जो विपक्षी नेता है उन पर भी छापे मारी है किसी तरह की कार्रवाई की जा रही है तो कहीं ना कहीं यह तो एक बात साफ है।
मोदी सरकार विपक्षी नेताओं को ठिकाने लगाना चाहती है
उनको उनकी हद में रखना चाहती है ताकि वह चुनावी फायदा ले सके लेकिन यहां सवाल केजरीवाल पर भी उठेगा कि वह ईडी के नौ समन मिलने के बाद भी पेश क्यों नहीं हुए।
वो अगर पहले पेश होकर सवालों का जवाब देते और तब उनकी गिरफ्तारी होती तो उनके पास कानूनी विकल्पों को तलाशने का भी समय रहता लेकिन सियासत एक ऐसा खेल है जिसमें दांव चलने वाले को लगता है।
कि वह जीतने वाला हैलेकिन कभी-कभी उसका दाव उल्टा पड़ जाता है और कोई भी शह मात कर जाता है अब देखना होगा कि केजरीवाल आगे क्या रणनीति बनाते हैं उनकी रणनीति क्या होगी और क्या गिरफ्तारी के बाद वह विक्टिम कार्ड पेश करके केजरीवाल वोट हासिल कर पाएंगे इस बारे में आपकी क्या राय है कमेंट करके जरूर लिखें ।